एक सामाजिक चिंतन - बलात्कार ,रेप,दुष्कर्म महिला व स्त्री का नही, बल्कि पूरे समाज वर्ग का होता है | Gyansagar ( ज्ञानसागर )





जब कभी बलात्कार व रेप जैसी घटना हो तो सभी मीडियाकर्मी व खबर प्रचारक से निवेदन है कि ऐसा मत दिखाओ की महिला पर ही जुल्म हुआ , खबर का विषय व शीर्षक बदले क्योंकि इससे महिला व स्त्री वर्ग कमजोर नजर आती है !! 

अब ऐसा शीर्षक दे कि फलाना जगह में फलाना व्यक्ति ( नाम ) ने अपना पौरुष का कत्ल किया , पौरुष भंग किया , पौरुष का दमन किया , क्यों स्त्री के नाम,परिवार को बताकर उसे शोषित बताकर स्त्री वर्ग को कमजोर हम समाज के लोग ही कर देते है !

जब हम ये बताते है कि किसीने दुष्कर्म किया तो उस पक्ष को हम मजबूत व शक्तिशाली दर्शाने की कोशिश करते है ! बलात्कार ,रेप,दुष्कर्म महिला व स्त्री का नही, बल्कि उसके परिवार,समाज,उस स्थान,उस दुष्कर्म को करने वाले के स्वजन,जानकार सबका होता है क्योंकि ये निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण व पाप कर्म है और ऐसे में सिर्फ एक व्यक्ति विशेष जिम्मेदार नही बल्कि उस समाज के अधिकारी, प्रशासन व नेता,मंत्री सभी जिम्मेदार है , उन्हें ये सोचना चाहिये कि हमारे क्षेत्र में किसी बहन,बेटी के साथ ऐसा दुष्कृत्य हुआ है , जब तक ये अपराध बोध समाज के लोगो को नही होगा तब तक अपराध य दुष्कृत्य शायद कमन हो क्योंकि जिस क़ानून व सिस्टम के सहारे हम न्याय की कामना करते है उसे खरीद फरेब से य पद से बदलते य डरते देखा गया है !!

 और सबसे बड़ी बात ये घटना जब तक लोगो को ये महसूस नही होने देगी की वो डॉक्टर आपके भी बेटी,बहन,पत्नी,माँ य स्वजन हो सकती है तब तक क्रांति की मशाल जलेगी नही ! क्रांति य जनाक्रोश तभी सफल होगा जब जनता उस समस्या को अपनी समस्या माने ! पढ़के कृपया 2 शब्द लिख दीजिये इससे आपका साहस व आत्मबल बढ़ेगा जरूर !!

हर हर महादेव

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सिंह लग्नफल





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