आपने जलेबी तो बहुत खायी होगी पर जलेबी खाने के बाद जलेबी वाले की डांट शायद कभी न खायी हो ! हुआ कुछ ये कि ३० अगस्त २०२० को मै शाम के वक्त ऑफिस से घर जा रहा था ! घर जाने के दौरान जलेबी खाने का मन नही था पर कोरोना के चलते काफी लोगो के रोजगार को जो धक्का पहुंचा था उसके बाद ऐसे सड़क पर दुकान चलाने वाले लोग य ठेले रिक्शे के प्रति सहानुभूति जतलाने के लिए उनकी चीजो को लेना य खरीदने के लिए मन मजबूर कर देता है शायद करुणा वश ही पर मुझे क्या पता था जिससे जलेबी ले रहा हूँ उसका अहंकार सातवें आसमान पर है !
स्रोत - ट्रिप एडवाइजर |
इन सबके बाद मेरा मन किया कि उसकी रिकॉर्डिंग करूँ य उसका पता बताऊ और सबको शेयर करूँ पर समस्या ये है कि हर व्यक्ति आज सिस्टम के खराब नियमो से परेशान है ! हर कोई ज्यादा पैसे तो कमाना चाहता है पर उस पैसे का सही सदुपयोग करना नहीं चाहता ! इस जलेबी वाले ने जो किया वो उसकी छोटी सोच का बेहतरीन उदाहरण है ! उसके मन में ये सोच न जाने कैसे आ गयी कि मै और जलेबी नही ले सकता !! ये आप तय करिए कि इस जलेबी वाले की तरह आप भी मीठा बेचकर य बोलकर कड़वा सम्बंध बनाते है ग्राहक से य कड़वा य मधुर बोलकर मीठा सम्बन्ध बनाते है ! प्रायः मीठा दिखने,बोलने,बेचने वाले पसंद किये ही जाते है शुरू से पर ये भी सच है कि अगर उन्होंने अपने स्वाभाव के अनुरूप व्यवहार नही किया तो सबसे पहले वही लोग खराब,तीखे ही बनते है यानि व्यवहार और सम्बन्ध खराब होते ही है , बात खराब होती ही है !
पाठक मित्रों,दोस्तों कोशिश करिये कि मीठा बोले य न बोले पर स्वाभाव तीखा या कटु न हो क्योंकि चीज बेशक दिखने में अच्छी न हो पर उसका उपयोग य प्रभाव अच्छा और सकारात्मक हो तो उसे सबसे प्रेम-स्नेह प्राप्त होता है ! आपका कीमती समय इस पोस्ट ( लेख ) को पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ! उम्मीद है आपको हमारी ये सच्ची अनुभव वाली घटना पसंद आई हो ! अगर आपको ये लेख पसंद आये तो अपने सभी ग्रुप्स य दोस्तों में शेयर जरुर करे !
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