तस्वीर का इस्तेमाल कहानी मात्र के लिए किया गया है ! |
आज १५ अगस्त २०२० को एक मेसेज आया फेसबुक पर , साइबर क्राइम ग्रुप से ! नाम लेने के लिए मना किया है उस बहन ने इसीलिए घटना का जिक्र मै बिना नाम और स्थान के कर रहा हूँ पर ये घटना हकीकत है और सच है !! हुआ ये कि कोरोना काल में काफी लोगो को वर्क फ्रॉम होम मिला हुआ है उसी के कारण रिया बदला हुआ नाम को उसके दूर के चाचा फोन पर काफी बार बात य हाल चाल लेने लगे ! ये चाचा उनके दूर के ससुर चाचा हुए ! अब क्यों कि रिया हाउस वाइफ है और उनके पति बैंक में जॉब करते है तो रिया का अधिकांश समय बच्चे , घर के काम में बीतता है ! रिया का ४ साल का बेटा है ! रिया काफी होनहार और संस्कारी लड़की है और साथ ही काफी सुंदर भी !!
इसी बात की खटक शायद उसके खाली बैठे दूर के चाचा को मन बहालने का साधन लगा !! रिया उन्हें पिता तुल्य समझकर बात करती थी ! लेकिन बात से अब वो व्हाटएप्प पर शेरो शायरी पर आने लगे फिर ऑडियो फिर कभी कभी वीडियो कॉल ! ये सब रिया इसीलिए सहती रही क्योंकि उनका दर्जा रिश्ते में काफी बढ़ा था ! इन सबका जिक्र वो अपने पति से और मायके में भी करती थी ! क्योंकि रिया और उसके पति राकेश के चाचा का स्वाभाव ऐसा ही था शुरू से ! काफी बातूनी किस्म के थे वो इसीलिए ये घटना और व्यवहार स्वाभाविक सी लगी ! लेकिन एक दिन हद्द तब हो गयी जब उन्होंने व्हाट्स एप्प पर अश्लील मेसेज भेज दिए और ये मेसेज काफी पहले भेजे हुए थे पर जैसे ही रिया ने वो मेसेज रीड किया तो तुरंत उसके कामुक और बेशर्म चाचा ने वो मेसेज डिलीट कर दिए ! इसी डिलीट मेसेज के बारे में रिया ने मुझसे सम्पर्क किया कि कैसे वो इनके ऐसे गलत मेसेज को निकाल सकते है क्योकि उन्हें डर है कि उनसे हुए बात को लेकर वो ब्लैक मेल करेंगे !
देखिये आज समाज में रिश्तो की मर्यादा का अहसास कराने वाले लोग य तो रहे नही है य फिर उनको सुनना शायद कोई पसंद नही करता ! मॉडर्न हुआ है जमाना इसका मतलब ये नही पुत्र और पुत्री समान आप अपने बच्चो से ऐसे व्यवहार और उन्हें कु दृष्टि से देखे ! ये अधर्म और पाप है और ऐसे लोगो का त्याग ही सर्वदा उचित है ! क्योंकि कौन किस भावना से आपसे सम्बन्ध बनाया हुआ है और कौन कैसे आपको देख रहा है और किस भावना से बात कर रहा है वो उस व्यक्ति का हृदय ही जानता है ! ऐसे लोगो को मै राक्षस की संज्ञा दूंगा जो सिर्फ बाहरी चमड़ी को सुन्दरता का पर्याय मान लेते है और बेशक शरीर और मन दोनों किसीका सुंदर हो तो उसकी पूजा होती है , श्रद्धा से उसकी उपासना की जाती है ! कोई पुरुष,स्त्री य बच्चा बहुत सुंदर हो य काफी गुण हो इसका मतलब ये नहीं कि वो कोई भोग का साधन है !!
इंसान अपने वेद , शास्त्र से जिस तरह अलग होता जा रहा है उसके बाद तो शायद यही दिन देखने को मिले ! गलती कुछ पूर्वजो से भी हुयी है संस्कार देने में नहीं तो इंसान आज इतना मक्कार और निकम्मा हो गया है कि घर पर बैठे बैठे उसका दिमाग अपने बहु बेटियों के प्रति कुदृष्टि वाला बनता जा रहा है ! ये सच है सुंदर और गुणवान लोग आकर्षित करते है और उन्हें पसंद और प्यार करना स्वाभाविक ही है पर वो सभी मर्यादा में होती है ! उसका भी एक स्तर होता है ! किसी से वासनापूर्ण बातें करना और वो भी अपने बेटी और वधुपुत्री से ये यही दर्शाता है कि य तो इन्सान के संस्कार अच्छे नही है य फिर उसका उठना बैठना सही नही है य फिर उसकी संगती य फिर उसका देखना और पढ़ना ठीक नही है ! आप सभी पाठको को मै एक बात बताना चाहता हूँ ! संस्कार के अभाव में ऐसे विचार किसीको भी आ सकते है पर कोई उस विचार को यदि प्रकट कर दे तो आप सावधान हो जाये क्योंकि जो विचार प्रकट कर सकते है वो उस कुविचार को अंजाम भी दे सकता है !! विचारो को नियंत्रण करने का तरीका है ! एकांत और शुद्ध सात्विक आहार , नियमित योग और प्राणायाम और देव उपासना इन को करते ही बड़े बड़े कुविचार नष्ट हो जाते है !
मेरे अंदर भी कभी कुविचार और ऐसे खराब विचार आते थे जिसे मैंने इन्टरनेट में एक साईट ssrf spritual science research foundation , भजन संगीत,शिव तांडव , गायत्री चेतना केंद्र के पुस्तक , मंदिर व् देव उपासना करके , कम भोजन लेकर , योग - प्राणायाम , आसाराम बापू की पुस्तक दिव्य प्रेरणा प्रकार ब्रह्मचर्य का महत्व पुस्तक से दूर भगाया है ! ये विचार खत्म कभी नही होते ! सताते है अभी भी पर इतना नहीं जितना नवी दसवी में परेशान करते थे ! अब इन विचारो पर मेरा पूरा नियंत्रण है !! पर अगर ऐसे विचार आपको ४०-५० के बीच आ रहे है तो आप की स्थिति भयावह है क्योंकि आप उस उम्र की पडाव में है जहाँ आपको शिक्षा देकर समाज को कल्याण देना था और आप इस विकार से ग्रसित होकर सम्बन्ध को कलंकित करने का काम कर रहे है !! मेरा हाथ जोडकर सभी माताएं बहनों को निवेदन है कि ऐसे ठरकी और सोशल मीडिया पर सभी रिश्तेदारों से बात करने की जरूरत नहीं है ! अपने उद्देश्यों को पहचाने और ऐसे ठरकी चाचा मामा से दूर रहे ! समस्या ये आ गयी है कि पहले सोशल मीडिया हुआ नहीं करता था तो सब मजे में रहते थे , अपना छोटा परिवार सुखी परिवार और अब दिक्कत ये है कि लोगो को अपने परिवार के लिए समय नही है पर दूसरो के घर में तांक झाँक जरुर करेंगे ! कौन क्या कर रहा है और क्या कर रही है ! जनानी वाली हरकते जैसे गाँव में बैठे बैठारी लोग किया करते थे ! ज्यादा जान्ने के लिए आप अतिथि तुम कब जाओगे फिल्म भी देख सकते है !!
अंत में यही कहूँगा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल एंटरटेनमेंट के लिए कम अपने काम से अधिक करें नही तो ऐसे ही सबसे बात करने के चक्कर में न आपका परिवार बचेगा न ही आपका उद्देश्य पपूरे होंगे और यही बात टीवी देखने वाले और यहाँ की वहां करने वालो के लिए भी कहूँगा !!
जय माँ शारदा !!
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