धन्यवाद इस प्रश्न को पूछने के लिए ! क्योंकि मै एक युवा हूँ तो इस प्रश्न का उत्तर अपने अनुभव के आधार पर अवश्य दे सकता हूँ !! अपने इस अनुभव को बिन्दुओ में आपसभी के साथ प्रस्तुत करूँगा !!
- सबसे पहले युवा होने पर हमे ये नही बतलाया जाता कि समाज में सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी चीज क्या है ! मेरा मतलब मेरे खुद के जीवन से है ! मुझे यही बताया गया कि पढ़ो और खूब पढ़ो और सरकारी नौकरी करो और कोई अफसर बनो पर इसके विपरीत इतनी पढ़ाई और दिन रात के पढ़ाई के बावजूद कुछ ऐसे उपयोगी बातो को मै नही जान सका जो मुझे मालूम होना चाहिए था ! जैसे पढ़ाई के साथ कमाई के अतिरिक्त साधन को तलाशना हालाँकि मुझे मालूम था खुद से पर घर में हिंसक माहौल के कारण कोई भी धन य वस्तु न टिकती न ही ट्यूशन पढ़ाने का माहौल बन पाता और न ही धन कमाने के लिए कोई खास जोर होता !
- युवा वर्ग को कोई भी चीज बड़ी जल्दी आकर्षित करती है! ये विशेष उर्जा मात्र १५ से ३० के बीच में रहती है और जैसे जैसे उम्र बढती है जोश थोडा कम होने लगता है तो अगर हम युवा उस आकर्षण को समाज की समस्या के समाधान य अपने लक्ष्य प्राप्ति के प्रति मोड़ दे और वो कार्य य इच्छा आपका शौक बन जाये तब तो कहना ही क्या !!
- युवा वर्ग को अपने लक्ष्य पर हमेशा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इस उम्र य वर्ग के लोग को हर तरह के सुख और भोग विलास की चीजे आकर्षित करती है और मेरा अनुभव है कि जो भी ऐसे चीजो में फंसे है वो बाद में बहुत पछताए है , आप ये समझ सकते है कि एक ही कक्षा के लोग अलग अलग कार्यक्षेत्र में जाते है इसका सीधा कारण उनके स्वाभाव और उनकी जीविका के तरीके और विचार -आचार होते है इसीलिए कोशिश करे कि थोड़ा सात्विक भी रहे !
- युवा वर्ग योग , प्रणायाम और थोड़ा खेल कूद,भजन -पूजन पर भी ध्यान दे क्योंकि सिर्फ जमकर पढ़ने से शरीर में विकार और दोष उत्पन्न हो जाते है और काम विकार भी होने के भी कारण बन सकते है ! अत्यधिक और मसालेदार खान को कम करे और उतना ही भोजन करे जितने की भूख हो ! स्वाद के लिए कभी न खाए, वो सारा य तो अनपच होगा य फिर आपको आलस्य देगा
- कोई भी प्यार,मोहब्बत य पराई नारी पर कुदृष्टि य प्रेम जाल में न फंसे ! बिना करियर में कुछ बने ये सब मोह माया होती है जैसे उर्वशी वाली कहानी सुनी होगी ! आपके तपस्या को ये सब भंग करने आती है और आपसे बातें , ज्ञान सीख कर आपको छोड़ देती है ! इसीलिए आप अपने पढ़ाई , करियर,परिवार इन पर ध्यान दे ! जब करियर य लक्ष्य प्राप्त होगा तो वो सब आपको मिलेगा जो आपके योग्य और उचित हो ! तब तक आप इंतजार करे और साधू संत ही बने रहे !
- कॉलेज य स्कूल में ओपन रिलेशनशिप य लाइव इन रिलेशनशिप जैसी चीजो से कोसो दूर रहे , ये बस आपको पथभ्रष्ट करने का कारण बनती है ! ध्यान रहे कोई कितना भी प्यार का जिक्र य ऑफर करे वो आपको प्रभावित करेगी ही करेगी, अगर आप संयमित है और इन सब बातों से अपनी निजी जीवन में कोई प्रभावित नहीं होने देते है तो बेशक लगे रहिये पर ध्यान रहे बाद में अगर अलग य आप आदत में ढल गये तो उस समय न मम्मी,पापा,भाई,बहन,दोस्त कोई काम नहीं आता फिर जगदीश जी के इमोशनल सोंग्स और प्यार में टूटने वाले गाने सुनकर आप अपनी जिन्दगी कुछ साल तक झन्ड करवाओगे और फिर उस व्यक्ति विशेष , उन कारको और कारणों को और खुद को जी भरकर कोसेंगे और गालियाँ देंगे इसीलिए मेरी सलाह है दूर ही रहे !! अपने लक्ष्य पर ध्यान दे
- आपको ये बताकर दुःख है पर सच तो ये है आप युवाओ का कोई भला नहीं चाहता सिवाय आपके खुद के अनुभव और बुद्धि के ! आप को लोग तरह तरह के सलाह देंगे करियर य किसी भी जीवन के अहम फैसले में पर आप वही करे जो आप करना चाहते है और उसकी पूरी रिसर्च करे और उसपर मेहनत करे ! कुछ विश्जैवसनीय लोगो से सलाह य मदद ले सकते है वैसे ! जैसे मेरे जीवन में किसीने मुझे मार्गदर्शन नही दिया नतीजा आज जीवन में काफी संघर्ष कर रहा हूँ और ये संघर्ष भी काम आएगा पर ये संघर्ष के बदले आप अगर खुद गलती न करके किसी और की गलती से सीख जाये तो ज्यादा बेहतर है जिससे जीवन में जो भी आपका लक्ष्य है उसे आप तुरंत प्राप्त कर सके !!
- मामा,चाचा,दूर के भैय्या,भाभी इन सब से व्हाट्स एप्प य फालतू बातें न ही उनसे करे न ही उनको करने दे बल्कि उनसे ज्ञान और अनुभव प्राप्त करे जो आपको आपके जीवन में आगे काम आएगी !! ये काम सबसे उपयोगी है जिसे आप अवश्य करे क्योंकि विरास्त्त में मिले संस्कार और संस्कृति इसी कारण नही मिल रही है क्योंकि घर के बड़े अपने बच्चो को नियम व् संस्कार देते ही नही न ही अपना अनुभव साझा करते है ! अगर वो खुद से नही करते तो आप उनसे जिद्द करके उनकी पुराणी बातों और अनुभव के लिए उनसे आग्रह अवश्य करिये ! यकीन मानिए १०० पुस्तक से अधिक का ज्ञान आपको एक बुजुर्ग और अनुभवी व्यक्ति से मिल जायेगा !
युवाओं के लिए प्रेरणादायक शिक्षापूर्ण सुविचार | Motivational Positive Thoughts In Hindi | Gyansagar ( ज्ञानसागर )
पढने के लिए धन्यवाद !
हर हर महादेव
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