एक सामाजिक चिंतन - बेमतलब का शौक न पाले, हर घर मे बच्चो को माँ के आने का इंतजार रहता है !! | Gyansagar ( ज्ञानसागर )




एक सामाजिक चिंतन - बेमतलब का शौक न पाले, हर घर मे बच्चो को माँ के आने का इंतजार रहता है !! | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

बचपन में प्रायः आपने बच्चो को बंदूक और गोली वाले खेल खेलते देखा होगा और शायद गुलेल का नाम भी आपने सुना ही होगा !! पहले कंचे व् तमाम गीली डंडा जैसे खेल से भी आप अच्छे से रूबरू और वाकिफ हो चुके होंगे लेकिन उनमे सबसे खतरनाक जो है वो है गुलेल का शरारत भरा उपयोग !! खेल खेल में बच्चे झगड़े के बीच में इसका प्रयोग कर लेते है जो अपने आप में घातक सिद्ध होता है और साथ ही पशु -पक्षियों को निशाना भी बना लेते है जिससे बेचारे जीव-जंतु कभी कभी मर भी जाते है !!
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते है कि नन्हे पक्षी के बच्चो को एक अनजान सक्श ने अपने गुलेल के वार से अनाथ कर दिया !! आप सभी से अनुरोध है कि इसके उपयोग व् दुरूपयोग से बच्चो को अवगत कराये व् साथ ही जनहित में ऐसे खतरनाक यंत्र को बेचने व् छोटे बच्चो को खेलने से रोके !!


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