एक सामाजिक चिंतन - यातायात कानून से जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण कानून | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

एक सामाजिक चिंतन - यातायात कानून से जरूरी है जनसंख्या नियंत्रण कानून | Gyansagar ( ज्ञानसागर )


जिस तरह आबादी बढ़ रही है वो सबके लिए दयनीय समस्या बन गयी है पर अभी हम बात करेंगे विशेष वर्ग समूह वर्ग की जहाँ जनसंख्या समस्या कोई बड़ी बात शायद नही है तभी तो इस बाईक पर सात लोग बैठकर सवारी कर रहे है ! ये दुर्लभ तस्वीर तो सोशल मीडिया पर दिख गयी लेकिन वास्तविक तस्वीर मुस्लिम बहुल क्षेत्रो में आसानी से देखी जा सकती है !! इस बढ़ती जनसंख्या के पीछे जाहिर सी बात है ऐसे अशिक्षित और कामुक लोग ही शामिल है जिन्हें नियमित संस्कार व् शिक्षा किसी कारण वश नही मिल पाया है ! समाज में एक दंपति को संतान की जरूरत अपने कुल को आगे बढ़ाने व् समाज को व्यवस्थित और पूर्ण करने की दृष्टि से एक जरुरी अंग हुआ करता था पर अब मोह व् कामुक प्रवृत्ति से प्रभावित होकर सुअरों की तरह जब ऐसे लोग बच्चे जने तो समझ जाए समाज का बंटाधार निश्चित है ! हिन्दू व् अन्य बहुल वर्गो में ये कम देखने को मिलता है शायद जनसंख्या नियंत्रण का जिम्मा उन्होंने अधिक ले रखा है पर इस बात से बेपरवाह ये वर्ग दिन दुगनी रात चुगनी संतान के प्रोडक्शन में बढ़ोतरी कर रहा है !! इस समस्या का समाधान अगर त्वरित देखा जाए तो जनसंख्या नियंत्रण कानून ही एकमात्र उपाय वर्तमान स्थिति में नजर आता है लेकिन सम्पूर्ण नाश के लिए ऐसे वर्गो व् ऐसे लोगो के शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता अत्यंत आवश्यक है क्योंकि अच्छे संस्कार व् शिक्षा से ही उनको संतान की जररूत व् उनके पालन-पोषण की समझ हो पायेगी और एक स्वस्थ्य समाज का विकास हो पायेगा अन्यथा चंदे,सरकारी योजना और पंचर बनाने और कपड़े बेचने व् अन्य ऐसे कार्य करने के लिए इन्हें विवश होकर इनके माता-पिता ही देखे गये है और अगर दंपति सामर्थ्यवान न हो तो भीख मांगना व् गलत संगत में पड़ना स्वाभाविक कर्म बन ही जाता है !! ऐसे लोगो के लिए आप सभी पाठको से अनुरोध है कि शिक्षा व्यवस्था मदरसों स्कूलों व् अन्य सभी शिक्षण संस्थानों में दुरुस्थ हो इसके लिए आप सभी अपने अपने स्तर पर एक प्रयास छोटा-बड़ा अवश्य करे य हमे अपने सुझाव देकर कृतज्ञ करे ! पोस्ट पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !!



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