एक शीश महल था उसमें खूब सारे शीशे लगे थे। एक इंसान की एक साथ सैकड़ो छवि बनती थी। किसी दिन एक क्रोधित कुत्ता गलती से शीशमहल में घुस गया और उसे चारों ओर क्रोधित कुत्ते नजर आने लगे। कुत्ते ने अपनी आँखे क्रोध से लाल की तो उसे एक साथ सैकड़ो कुत्ते लाल आंखों से घूरते नजर आए। उसे डर होने लगा और अपनी रक्षा के लिए क्रोध में चारो तरफ घूम-घूमकर भौंकने लगा। भौंकने से जैसे-जैसे उसका क्रोध बढ़ता
जाता, परछाइयों में उसे पहले से ज्यादा क्रोधित कुत्ते नजर आते, उसे डर हुआ कि जान बचानी है तो भागो। वह वहां से बार बाहर गया उसने उस जगह को अच्छी तरह देखा और प्रण किया कि कभी दोबारा इधर नहीं जाना है। कुछ दिनो बाद एक खुशमिजाज कुत्ता खुशी में अपनी दुम हिलाता उस शीशमहल में घुस गया उसे चारों तरफ ऐसे कुत्ते दिखने लगे जो उसका स्वागत कर रहे है वह परछाइयों से प्रेम दर्शाने लगा। बदले में उसे प्रेम मिलने लगा । वह बड़ा खुश था। चारों तरफ घूम… घूमकर, झूम-झूमकर देखता और उसे सभी प्रेम से स्वागत करते नजर आतेे। वह खुशी में नाचने लगा तो एक साथ सैंकडों कुत्ते नाचने लगे उसने सोचा यह संसार की सबसे सुंदर जगह है काश ! यहाँ हमेशा रहने को मिलता । थोड़ी देर बाद उसे भूख लगी और बाहर आ गया उसने जगह को अच्छी तरह देखा और तय किया कि जब भी अवसर मिले यहा जाना है । संसार इसी शीशमहल जैसा है हम जिस तरह इसे देखना चाहते है वैसा ही समाज हमें देखता है । आप जो देते है वह पाते है इसलिए कोशिश करें संसार में प्रत्येक जीव को प्रेम देने की सुख भी यहीं है दुख भी यहीं है संभवत: स्वर्ग और नरक का एक छोटा सा प्रोटोटाइप या नमूना है यह धरती। सुख खोजेगें, सुख मिलेगा चिंता खोजेंगे चिंता मिलेगी। उनसे हरसंभव दूरी बनाने का प्रयास कीजिए जिनसे आपके चेहरे को हंसी एक पल के लिए ही सही, लेकिन गायब होती है भले ही शुरू में आपका स्वागत गर्मजोशी से न हुआ हो फिर भी उनके पास बार-बार जाइए जिनके कारण चेहरे पर मुसकान आती हो। ऐसे ही शिक्षाप्रद कहानी पढ़ने के लिए ग्रुप से जुड़े Gyansagar(ज्ञानसागर) पसंद आये तो शेयर जरुर करे
जाता, परछाइयों में उसे पहले से ज्यादा क्रोधित कुत्ते नजर आते, उसे डर हुआ कि जान बचानी है तो भागो। वह वहां से बार बाहर गया उसने उस जगह को अच्छी तरह देखा और प्रण किया कि कभी दोबारा इधर नहीं जाना है। कुछ दिनो बाद एक खुशमिजाज कुत्ता खुशी में अपनी दुम हिलाता उस शीशमहल में घुस गया उसे चारों तरफ ऐसे कुत्ते दिखने लगे जो उसका स्वागत कर रहे है वह परछाइयों से प्रेम दर्शाने लगा। बदले में उसे प्रेम मिलने लगा । वह बड़ा खुश था। चारों तरफ घूम… घूमकर, झूम-झूमकर देखता और उसे सभी प्रेम से स्वागत करते नजर आतेे। वह खुशी में नाचने लगा तो एक साथ सैंकडों कुत्ते नाचने लगे उसने सोचा यह संसार की सबसे सुंदर जगह है काश ! यहाँ हमेशा रहने को मिलता । थोड़ी देर बाद उसे भूख लगी और बाहर आ गया उसने जगह को अच्छी तरह देखा और तय किया कि जब भी अवसर मिले यहा जाना है । संसार इसी शीशमहल जैसा है हम जिस तरह इसे देखना चाहते है वैसा ही समाज हमें देखता है । आप जो देते है वह पाते है इसलिए कोशिश करें संसार में प्रत्येक जीव को प्रेम देने की सुख भी यहीं है दुख भी यहीं है संभवत: स्वर्ग और नरक का एक छोटा सा प्रोटोटाइप या नमूना है यह धरती। सुख खोजेगें, सुख मिलेगा चिंता खोजेंगे चिंता मिलेगी। उनसे हरसंभव दूरी बनाने का प्रयास कीजिए जिनसे आपके चेहरे को हंसी एक पल के लिए ही सही, लेकिन गायब होती है भले ही शुरू में आपका स्वागत गर्मजोशी से न हुआ हो फिर भी उनके पास बार-बार जाइए जिनके कारण चेहरे पर मुसकान आती हो। ऐसे ही शिक्षाप्रद कहानी पढ़ने के लिए ग्रुप से जुड़े Gyansagar(ज्ञानसागर) पसंद आये तो शेयर जरुर करे
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