एक शिक्षाप्रद कहानी - मेंढक और चूहे की दोस्ती ! | Motivational Story In Hindi | Gyansagar ( ज्ञानसागर )


एक शिक्षाप्रद कहानी - मेंढक और चूहे की दोस्ती ! | Motivational Story In Hindi | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

एक दिन एक चूहा एक नदी के किनारे खेल कूद में  मशगूल था की उसने तभी एक मेढक को देखा! दोनों एक दूसरे को देख कर हेरत में पड़ गए, चूहा जो की सुखी ज़मीन पर रहने का आदि था, पानी के अंदर रहने वाले जीवों के बारे में जानने को बहुत उत्सुक था।, दूसरी डरफ मेढक भी यह जानना चाहता था की जंगल में रहने वाले इस जानवर की ज़िन्दगी कैसी होती है। दोनों ने तय किया की क्यों न हर दिन,कम से कम एक घंटा,नदी के किनारे बैठकर एक दूसरे की ज़िन्दगी के हालात मालूम करें। और इस तरह दोनों हर रोज़ एक घंटा नदी के किनारे मिलने लगे और अपनी अपनी कहानी सुनने सुनाने लगे, और यह मुलाकातें एक गहरी दोस्ती में बदल गयी।
अब दिन में सिर्फ एक घंटे की  मुलाकात उनके लिए काफी न होती, इसलिए एक दिन चूहे ने अपने दोस्त से कहा की “तुम पानी के अंदर  रहते हो और में तुम्हे ज़मीन से पुकारता रहता हूँ” इसपर मेढक ने कहा की “चलो ठीक है हम सुबह की मुलाकात का वक़्त बढ़ा लेते हैं”।  लेकिन चूहा इस पर संतुष्ट न हुआ उसने कहा की “सुबह की मुलाक़ात भी अब बहुत ही छोटी लगने लगी है, में तुम्हारे और पानी के अंदर की दुनिया के बारे में बहुत ही कम जान पाया हूँ “
यह सुनकर मेढ़क ने कहा “फिर तुम ही बताओ की इसका क्या इलाज है ?”
तब चूहे ने यह तरकीब सुझाई ” चलो एसा करतें हैं जब भी जरूरी हो एक दूसरे को बुला लिया करें। हम दोनों, एक दूसरे को एक मज़बूत बड़ी रस्सी से बांध लें, जब भी में रस्सी खींचू तो तुम समझ जाना की में तुम्हे बुला रहा हूँ”। मेढ़क दिल से इस बात के लिए राज़ी नहीं था, क्यों की वह जनता था की इसमें बहुत खतरा है, मगर चूहा नहीं माना और उसने बहुत ज़िद की।  आखिरकार मेढक ने महज़ इसलिए की दोस्त का दिल न टूटे, चूहे की बात मन ली, और दोनों ने अपने पैर में, आपस में एक लम्बी रस्सी बांध ली।
मेढ़क के लिए यह बहुत मुश्किल था क्यों की वह अपनी मर्ज़ी से उछलने कूदने से वंचित हो गया था, लेकिन उसने अपने दोस्त की खातिर कभी भी इस बात की शिकायत नहीं की।
एक दिन एक बड़े कव्वे ने चूहे को देखा और अपनी चोंच में दबाकर उड़ने लगा। जैसे ही कव्वा आसमान में ऊपर उड़ा, तो मेढ़क जो की चूहे से रस्सी से बंधा हुआ था पानी से खिचकर बाहर आ गया और उल्टा लटक
गया। आसमान में यह नज़ारा देखकर लोग हैरत में पड़ गए की कौआ , चूहे और मेढ़क का शिकार एक साथ कैसे कर सकता है !!!
यह सुनकर मेंढक ने जवाब दिया की 
“यह उन लोगों का अंजाम हे, जो बिना सोचे समझे, हर किसी से दोस्ती कर लिया करतें हैं, और अपने दोस्त की हर अच्छी बुरी बात को मान लेते हैं। कहानी पसंद आये तो शेयर जरुर करे !!


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