एक सामाजिक चिंतन - स्कूलों में दीवारों पर पेशाब करना तो नहीं सिखाया जाता !! | Gyansagar ( ज्ञानसागर )


एक सामाजिक चिंतन -  स्कूलों में दीवारों पर पेशाब करना तो नहीं सिखाया जाता !! | Gyansagar ( ज्ञानसागर )

सुबह ऑफिस जा रहा था और ये कोई पहली बार नहीं देख रहा हूँ  हमेशा दिख ही जाता है पर बात ये है कि सरकार जब इतनी अच्छी हो और अच्छे पहल करे तो उनके हौसले से मुझे और आम जनता को भी हौसला मिल ही जाता है  भारत सरकार जिस तेजी से स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा दे रही है और उसी के तहत हर चौक और चौराहे पर शौचालय की जो व्यवस्था करवा रही है उसको देखते हुए ये दृश्य दहला देने वाला ही प्रतीत होगा !! जब आप जिस थाली में खाये उसमे पेशाब कर दे तो कैसा लगेगा आपको ?? जी हाँ ! एक तरफ तो भारत सरकार पूरे देश को साफ सुथरा करने में लगी हुयी है दूसरी तरफ ये नालायक बच्चे पेशाब लगने पर अपने ही स्कूल की दीवार पर पेशाब करके आनंद ले रहे है ! मैंने , पहले भीं इस स्कूल के दयनीय व्यवस्था पर चिंता जाहिर की है और भारत सरकार को ट्वीट भी किया पर शायद आज का ये कैद दृश्य उनको कोई ठोस कदम लेने पर मजबूर जरुर कर दे ! आप सबके यहाँ भी खुले में पेशाब करते होंगे जिसमे अधिकांश मजबूरी हो सकती है पर नॉएडा जैसे क्षेत्र में जहाँ शौचालय की अच्छी व्यवस्था है , वहां इस तरह पेशाब करना  , जहाँ ज्ञान का मंदिर हो और उसी मंदिर में आप पेशाब करे तो ये माता-पिता के संस्कार, स्कूल के शिक्षक और भारतीय कानून के पंगु होने का अहसास कराते है !! उम्मीद है ! ये देखकर आप पाठक गण इसमें अपने विचार और इसको शेयर करके एक जनजागृति जरुर करेंगे ! इसे शेयर करने का मकसद कोई नकारात्मक प्रचार नही है बल्कि ऐसा दोबारा न हो और ये दीवार स्थाई पेशाबालय न बन जाये बस यही प्रयास एवं कामना है !!





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