भावनाओं को व्यक्त करने का काफी मन है पर ये कमबख्त सर्दी भी क्या कम है ??? रोज सोचता हूँ लिखने का ऐसा होता मेरा मन है पर क्या करूँ काम भी कहाँ होता खत्म है ??? अहसासों और अनुभवो को सारांश में बताने का काफी मन है पर कभी कभी पढ़ने वाले ऑनलाइन जन भी हो जाते कम है !! ठंड से बुरा होता हाल ये कहता मेरा तन है !! पर कमबख्त सर्दी सं सं है !!! पर कमबख्त सर्दी हर कण है !!!
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