जिंदगी से यूँ मायूस न हो
ख़ुशी का कोई किनारा तो होगा !!
इस दुःख से भरी कश्ती में
उस रब ने तुझे यूँ ही न उतारा होगा !!
इस मतलब की दुनिया में
कोई तो तेरा सहारा होगा !!
उठ और लड़ अपने सपनो की खातिर
क्योंकि तू रूठ कर बेठे
ये उस रब को न गवारा होगा !!
माना अपनों ने बहुत रुलाया है तुझे
तेरी तन्हाई ने बहुत तड़पाया है तुझे
बस कुछ कदम और तो चल ऐ मुसाफिर
तेरा ये सफ़र जरूर सुहाना होगा !!
तेरा ये सफ़र जरूर सुहाना होगा !!
कवियत्री - रौशनी कुमारी
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