प्रस्तुत कविता रौशनी कुमारी द्वारा रचित है जो ( खोड़ा ) गाजियाबाद क्षेत्र की निवासी है व् राजकीय डिग्री कॉलेज की छात्रा व् सामाजिक कार्यकर्ता एवं चैलेंजर्स ग्रुप ( पंजीकृत ) की सदस्य है !
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प्यार पाना तो सीखा
पर जता ना सके !
जिंदगी से हँसना तो सीखा
पर किसी को हँसा ना सके !!
उम्र भर का साथ
हम यूँ ही गवां न सके !
ख़ुशी दिखाना तो सीखा
पर उदासी छिपा ना सके !!
दोस्त बनाना तो सीखा
पर दोस्ती निभा न सके !
वो हमे भूल गये !
हम उन्हें भुला न सके !!
वो गये हमे छोड़ रास्ते में
हम उन्हें पलट कर बुला ना सके !
उनकी ख़ुशी की खातिर
हम खुद को रुला न सके !!
हम यूँ ही दोस्ती निभाते रहे पर
कम्बखत !
दिल ऐ राज दोस्ती का हम उन्हें बता ना सके !!
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