अंक ४ का प्रतिनिधि ग्रह हर्षल है । जो संहार एवं विस्फोट का प्रतिक है यह संघर्ष एवं विद्रोह का स्वरूप है इसमें राहू तथा सूर्य के गुण विद्यमान है । जहां एक ओर प्रकाशित मन का घोतक है । वहाँ दमन की प्रवृति भी रखता है । सूर्य सा तेज और राहू जैसी कुटिलता अथवा कूटनीतिज्ञता इनमे विद्यमान होती है । कुछ विद्वानों का मत है की यह स्वार्थी अंक है । तो क्या इसमें अच्छे लोग नहीं हो सकते उत्तर यह है की अच्छे लोग अच्छे संस्कारो के लोगो का स्वार्थ यह हो सकता है । की वो जो भी कार्य करे मोक्ष प्राप्ति हेतु या अपनी संतुष्टी हेतु या फिर अपने कल्याण हेतु सोच ले यह तय है की उनमे स्वार्थ अपेक्षाकृत अधिक होता है !
मूलांक ४ एक पेचीदा अंक है इससे सम्बंधित लोग सीधी बात नहीं करते ! टेढ़े मेढ़े रास्तो से गुजरना इनकी फितरत होती है !
अंक ४ वाले व्यक्ति प्रत्येक वस्तु या स्थिति को एक अलग दृष्टिकोण से देखते है और इसलिए उनका स्वभाव अपने आप में अन्य व्यक्तियों से अलग एवं विशिष्ट होता है वे समाज एवं सरकार केपरम्परागत नियमों के विरुद्ध चलते है तथा उनमे सुधार का दृष्टिकोण अपनाकर समाज को एक नयी दिशा देना चाहते है अंक ४ के व्यक्ति अंक १,२,७,एवं अंक ८ वालो के और विशेष आकर्षित रहते है तथा इन्हें आसानी से मित्र नहीं बनाया जा सकता, वस्तुतः उनके मित्र बहुत कम होते है किन्तु जो थोड़े होते है वे उनके प्रति पूर्ण समर्पित माने जा सकते है
इनका सबसे बड़ा दोष यह है की यह बहुत भावुक होते है बड़ी जल्दी बुरा मान जाते है तथा अकेला रहना पसंद करते है !
शारीरिक संरचना: अंक ४ से प्रभावित व्यक्ति गहरी भोहे, प्रोढ चेहरा, धसी आँखे, ठोस शरीर, उलझे बाल आदि होते है !
मनः स्थिति: ये सह्रदय, आदर्शवादी, मददगार, और दयालु होते है लोक-कल्याण की भावना इनमे कूट-कूट कर भरी होती है इन्हें ना तो भीड़ भाद पसंद है ना ही आडम्बर वाली जिंदगी, ये बाते नाप-टोल कर कर करते है हंसी ठीठोली तथा मजाक मस्ती वाली टोली में ज्यादा देर तक बैठना पसंद नही करते वैसे ये जरुरत से ज्यादा समझोता वादी है किन्तु कभी कभी विस्फोटक भी हो जाते है !
अंततः अंक ४ वाले परोपकारी, ईमानदार, मर्यादावादी, आदर्शवादी, एवं विश्वासपात्र होते है इनकी तुलना एक ऐसे बड से की जा सकती है जो खुद फल तो नहीं देता लेकिन अपनी छाया से लोगो को राहत जरुर देता है आंधी तूफ़ान सहकर भी अडिग रहता है !
कुछ प्रमुख पात्र: किशोर कुमार-४ अगस्त, अशोक कुमार-१३ अक्टूम्बर, बैजयन्ती माला=१३ अगस्त, जय किशन-४ नवम्बर, जार्ज वाशिंगटन १३ अप्रैल, मुंशी प्रेमचंद-३१ जुलाई, अमृता प्रीतम-३१ जुलाई, जमुनालाल बजाज-४ नवम्बर !
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